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Biggest Scams Of India : कोल गेट, 2G, पीएनबी और किंगफिशर ने कैसे किया करोड़ों का नुकसान!

Biggest Scams Of India

Biggest Scams Of India : Coal gate scam, 2G spectrum scam, common wealth scam, Telgi scam, PNB scam और Kingfisher scam तक – जानिए कैसे इन घोटालों ने देश को लाखों करोड़ों का नुकसान पहुँचाया था और राजनीति में मचाया था तूफान!”

Coal Gate Scam :

कोल घोटाला देश के सबसे बड़े घोटालों में से एक है, जिससे सरकार को 1.86 लाख करोड़ रुपये का भारी नुकसान हुआ है। इस घोटाले के कारण कंपनियां कोल ब्लॉक का खनन करने के लिए सामने नहीं आ रही हैं, और जबकि पृथ्वी मां ने पर्याप्त कोयला प्रदान किया है, हम इसे निकालने में असमर्थ हैं। नतीजतन, भारत को इण्डोनेशिया, ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों से कोयला आयात करना पड़ रहा है। यह मामला महाराष्ट्र के लोहरा ईस्ट कोल ब्लॉक के आवंटन से जुड़ा है, जिसमें कोल मंत्रालय के अधिकारियों और ग्रेस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के निदेशक मुकेश गुप्ता समेत कई आरोपी शामिल हैं। सीबीआई ने कोर्ट से इन आरोपियों के लिए सात साल की सजा की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट ने 214 कोल ब्लॉकों का आवंटन रद्द कर दिया था। इस घोटाले के परिणामस्वरूप भारत में कोल की गंभीर कमी हो गई है, जिससे देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में मुश्किलें आ रही हैं।

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2G Spectrum Scam :

2G स्पेक्ट्रम घोटाला भारत के सबसे बड़े भ्रष्टाचार घोटालों में से एक है, जो 2008 में सामने आया था। इस घोटाले में 2G मोबाइल नेटवर्क के लिए स्पेक्ट्रम लाइसेंस की गलत तरीके से आवंटन का आरोप था। तत्कालीन दूरसंचार मंत्री ए. राजा और अन्य सरकारी अधिकारियों पर आरोप था कि उन्होंने मनमाने तरीके से स्पेक्ट्रम लाइसेंस वितरित किए, जिससे सरकार को भारी वित्तीय नुकसान हुआ। जांच के अनुसार, यह आरोप लगाया गया कि स्पेक्ट्रम की कीमतें बाजार दर से बहुत कम थीं और गलत कंपनियों को लाइसेंस दिए गए थे, जिनकी न तो तकनीकी क्षमता थी और न ही वित्तीय स्थिरता। इस घोटाले से सरकारी खजाने को अनुमानित रूप से 1.76 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। भारतीय जनता पार्टी (BJP) और अन्य विपक्षी पार्टियों ने इसे बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करार दिया। हालांकि, कई सालों की जांच और मुकदमों के बाद 2017 में सीबीआई की विशेष अदालत ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया।

Common Wealth Scam :

कॉमनवेल्थ घोटाला 2010 में दिल्ली में हुए कॉमनवेल्थ खेलों से जुड़ा एक बड़ा भ्रष्टाचार घोटाला था। इस घोटाले में निर्माण कार्यों और खेलों से संबंधित अनुबंधों में भारी अनियमितताएं सामने आईं। आरोप था कि अधिकारियों और ठेकेदारों ने अनुबंधों को मनमाने तरीके से आवंटित किया और घूस के बदले काम की गुणवत्ता को नजरअंदाज किया। भारतीय जनता पार्टी और अन्य विपक्षी दलों ने इसे सरकार के खिलाफ एक बड़ा भ्रष्टाचार घोटाला करार दिया। सीबीआई और अन्य जांच एजेंसियों ने कई आरोपियों की जांच की, जिनमें खेल मंत्री श्रीनिवासन और अन्य उच्च सरकारी अधिकारी शामिल थे। घोटाले के तहत कई परियोजनाओं की लागत में भारी वृद्धि हुई, जिससे सरकार को भारी वित्तीय नुकसान हुआ। इस घोटाले से भारतीय राजनीति में बड़ा हंगामा मचा और इसके परिणामस्वरूप कई जांचों और मुकदमों का सामना करना पड़ा, हालांकि कई आरोपी अंततः दोषमुक्त हो गए।

 

Telgi Scam :

तेलगी घोटाला भारतीय इतिहास के सबसे बड़े स्टांप पेपर घोटालों में से एक था, जो 2000 के दशक की शुरुआत में सामने आया। यह घोटाला स्टांप पेपर, जो सरकारी दस्तावेजों में प्रयोग होते हैं, की धोखाधड़ी से जुड़ा था। मुख्य आरोपी अब्दुल करीम तेलगी ने जाली स्टांप पेपरों का निर्माण किया और उन्हें बाजार में बेचकर करोड़ों रुपये की अवैध कमाई की। तेलगी और उसके सहयोगियों ने कई सरकारी अधिकारियों, बैंकों और अन्य व्यक्तियों के साथ मिलकर इस नेटवर्क को फैलाया। इस घोटाले का अनुमानित वित्तीय नुकसान लगभग 20,000 करोड़ रुपये था। तेलगी ने जाली स्टांपों के जरिए नकली दस्तावेजों का निर्माण किया और सरकारी राजस्व में बड़ा नुकसान पहुँचाया। इस मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और अन्य एजेंसियों द्वारा की गई। तेलगी को 2006 में गिरफ्तार किया गया, और बाद में उसे सजा दी गई, लेकिन घोटाले में शामिल अन्य लोग पूरी तरह से पकड़ में नहीं आए।

PNB Scam :

पीएनबी (पंजाब नेशनल बैंक) घोटाला 2018 में सामने आया, जब नीरव मोदी और मेहुल चौकसी ने बैंक से करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी की। दोनों ने अपनी कंपनियों के लिए फर्जी दस्तावेजों के जरिए बैंक से लोन लिया, जो वास्तविक नहीं थे। इस घोटाले में बैंक अधिकारियों की मिलीभगत भी सामने आई। अनुमानित वित्तीय नुकसान करीब 14,000 करोड़ रुपये था। मामले की जांच सीबीआई और अन्य एजेंसियों द्वारा की गई। नीरव मोदी और मेहुल चौकसी देश से फरार हो गए, जबकि बैंक को इस घोटाले का भारी नुकसान उठाना पड़ा।

Kingfisher Scam :

किंगफिशर एयरलाइन्स घोटाला 2012 में सामने आया, जब विजय माल्या की किंगफिशर एयरलाइन्स ने भारी वित्तीय संकट का सामना किया। एयरलाइन ने कई बैंकों से लोन लिया, लेकिन ऋण चुकाने में विफल रही। बैंकों को किंगफिशर एयरलाइन्स से करीब 7,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। विजय माल्या पर यह आरोप था कि उन्होंने लोन के पैसे का गलत तरीके से इस्तेमाल किया और एयरलाइन को चलाने में किसी प्रकार का ठोस प्रबंधन नहीं किया। इसके बाद, माल्या को भगोड़ा घोषित किया गया, और सीबीआई ने मामले की जांच शुरू की।

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